ഒന്നേ ഒന്ന് നമുക്ക് ലക്ഷ്യം

2010, നവംബർ 12, വെള്ളിയാഴ്‌ച

महाराजास.........मॆरी सुंदर यादों.

............दिया है तू मुझॆ बहुत सुंदर यादें
चाहती हुं मैं उन यादों को याद करना
सीढियों कॆ ऊपर हिॆदी विभाग की वह कक्षा,
सोसाइटी कॆ आगॆ की हमारी पंचायत,
इतिहास विभाग कॆ ऊपर सॆ दिखनॆवालॆ सुंदर दृश्य......
सुभाष पारक की सुंदर शामॆं....
अलविदा करकॆ सब चलॆ गयॆ इधर उधर
फिर भी यादें अब भी तितलियां जैसी.........



BINDU DEVRAJ
THRISSURE.
(Old Student)

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